Friends, I have seen in many families, who consider themselves advanced, have everything in the house, big TVs are installed, there are servants to cook food in the house, there is a lot of balance in the bank, but all these things Despite this, if there is nothing, then it is harmony in the family.
The wife is lying there with the mobile, the husband is sitting in another house taking his laptop mobile, and the children are also sitting with the tablet or mobile, it is a matter of thinking that no one understands each other, all in their own right. It’s cool, then where was the family,
The family member should think that the family is also something, one should understand each other, the use of technology is correct only to an extent, nowadays more and more families are getting wasted in the affair of gadgets, a lot of family is getting ruined. Is.A substantial family is being ruined. You must have understood what I meant. After coming home, leave the mobile laptop, only work to pick up the call, talk to your family, understand each other’s problem, and talk to the child Your biggest asset is your children.We have made technology and not technology has made us, always remember this thing. Looking at the way in which families are getting ruined due to the social world, it seems that everything has become mobile today, it is wise to get out of the extravagant work. Think once and see what you are doing,Looking at the way in which families are getting ruined in the world of social world today, it seems that everything has become mobile today, it is wise to get out of unnecessary work. Think once, see what you are doing, a family member should do this?You are a human, you have the power to think, not the technology. Think about these things once, what are you doing.🙏
घर परिवार को कैसे बचाये
दोस्तों मैंने बहुत सारी परिवार मे देखा है, जो कि अपने को एडवांस्ड मानते है, घर मे सारा कुछ है, बड़े बड़े TV लगे है, घर मे खाना बनाने के लिये नौकर चाकर है, बैंक मे काफी सारा बैलेंस है, लेकिन ईन सब चीजों के होते हुए भी अगर कुछ नहीं है तो वो है परिवार मे सामंजस्य. पत्नि मोबाइल ले के उधर पडी है, पति अपना लैपटॉप मोबाइल ले के किसी दूसरे घर मे बैठा है, और बच्चे वो भी टेबलेट या मोबाइल ले के बैठे है, सोचने वाली बात है कि कोई भी एक दूसरे को समझ नहीं रहे, सब अपने मे मस्त है, फिर परिवार कहा रही, फॅमिली मेंबर को सोचनी चाहिए घर परिवार भी कोई चीज होता है, एक दूसरे को समझना चाहिये एक सीमा तक ही टेक्नोलॉजी का उपयोग सही होता है, आजकल ज्यादा से ज्यादा परिवार gadget के चक्कर मे बर्बाद हो रहे है, अच्छी-खासी फैमली बर्बाद हो रही है. मेरा कहने का आशय आपलोग समझ गये होंगे. घर आने के बाद मोबाइल लैपटॉप को छोर दे, shrif कॉल उठाने का काम करे, अपने परिवार से बात करे एक दूसरे का प्रॉब्लम समझे, और बच्चे से बात करे आपकी सबसे बड़ी पूंजी आपके बच्चे है. टेक्नोलॉजी को हमने बनाया है ना कि टेक्नोलॉजी ने हमे, ये बात हमेशा याद रक्खे. आज जिस तरीके से सोशल वर्ल्ड के चक्कर मे परिवार बर्बाद हो रहे है उसे देख कर तो ऐसा लगता है सबकुछ आज मोबाइल ही हो गया है, फालतू के काम से निकलने मे ही समझदारी है. एक बार सोचे के देखे आप क्या कर रहे है, एक परिवार वालों को ये करनी चाहिए? आप तो इंसान है आपको सोचने की शक्ति है, टेक्नोलॉजी को नहीं. एक बार इन्हीं बातों को सोचे आप क्या कर रहे है.🙏